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पाकिस्तान ने ईरान के एम्बेसडर को निकाला:अपने राजदूत को तेहरान से बुलाया; दोनों देशों में मिलिट्री टकराव का खतरा बढ़ा

 

 

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि पाकिस्तान जल्द ही ईरान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई कर सकता है। (फाइल)

मंगलवार रात पाकिस्तान के बलूचिस्तान में आतंकी संगठन जैश अल अदल के ठिकानों पर एयरस्ट्राइक के बाद पाकिस्तान और ईरान के रिश्तों में जबरदस्त तनाव पैदा हो गया।

बुधवार को पाकिस्तान ने ईरान के एम्बेसडर को देश छोड़ने का फरमान जारी कर दिया। इसके अलावा तेहरान में मौजूद अपने राजदूत को भी फौरन वापस आने को कहा। हालांकि, ईरान का कोई हाईलेवल डिप्लोमैट इस वक्त पाकिस्तान में नहीं है।

ईरान मीडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक- ईरान ने अपने बॉर्डर पर फौज की तैनाती अचानक बढ़ा दी है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान की फौज आतंकियों को ढाल बनाकर ईरान के खिलाफ जवाबी कार्रवाई कर सकती है। इस हमले के बाद पाकिस्तान फौज और सरकार की देश में काफी किरकिरी हो रही है।

 

ईरान तीसरा देश है, जिसने पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक की है। ईरान से पहले अमेरिका ने 2011 और भारत ने सितंबर 2016 में पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक की थी। - फाइल फोटो

एक्शन में पाकिस्तान

  • मंगलवार और बुधवार की दरमियानी रात बलूचिस्तान में इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC या ईरानी सेना) ने मिसाइल और ड्रोन से आतंकी संगठन जैश अल अदल के ठिकानों पर हमले किए थे।
  • इसके कुछ घंटे बाद रात में ही पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर सख्त विरोध दर्ज कराया था। ‘जियो न्यूज’ के मुताबिक- इस घटना के बाद पाकिस्तान में जबरदस्त सियासी और फौजी कवायद देखी गई। रातभर मीटिंग्स का दौर चला। आर्मी चीफ आसिम मुनीर और केयरटेकर प्राइम मिनिस्टर अनवार उल हक काकड़ ने फोन पर बातचीत की। इसके बाद रावलपिंडी में आर्मी कमांडर्स की मीटिंग हुई।
  • बुधवार दोपहर विदेश मंत्रालयर की प्रवक्ता मुमताज जाहरा बलोच मीडिया से मुखातिब हुईं। कहा- हमने तेहरान में मौजूद अपने राजदूत से फौरन देश लौटने को कहा है। ईरान के एम्बेसडर को देश छोड़ने के लिए कह दिया गया है। हालांकि, इस वक्त ईरान के राजदूत अपने देश में ही मौजूद हैं। ईरान ने उकसाने वाली हरकत की है। हम इसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं कर सकते।
  • मुमताज ने आगे कहा- ईरान ने इंटरनेशनल लॉ को भी तोड़ा है। हम इसके खिलाफ UN में शिकायत दर्ज करा रहे हैं। ईरान को याद रखना होगा कि पाकिस्तान के पास जवाब देने की काबिलियत और हक दोनों हैं। इसकी जिम्मेदारी ईरान सरकार की होगी। हमने ईरान के साथ चल रही हर तरह की और हर लेवल की बातचीत बंद करने का फैसला भी किया है।

 

ईरान के फॉरेन मिनिस्टर अब्दुल्लाहोनिया पाकिस्तान के केयरटेकर प्राइम मिनिस्टर अनवार उल हक काकड़ के साथ। यह तस्वीर सोमवार को दावोस समिट के दौरान की है। काकड़ बलूचिस्तान के ही रहने वाले हैं और ईरान ने मंगलवार रात इसी राज्य में हमला किया है।

जवाबी कार्रवाई करेगा पाकिस्तान

  • ‘जियो टीवी’ ने पाकिस्तान के एक आला अफसर के हवाले से कहा- ईरान से लगने वाले सिस्तान-बलूचिस्तान बॉर्डर पर फौज की तैनाती बढ़ाई जा रही है। किसी भी कार्रवाई को अंजाम देने का फैसला फौज और सरकार को मिलकर करना है। पाकिस्तान में अगले महीने 8 तारीख को जनरल इलेक्शन हैं। ऐसे में सरकार और फौज किसी भी तौर पर कमजोर दिखने का जोखिम नहीं ले सकती।
  • इस अफसर ने आगे कहा- फौज पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ी शान है। अब वक्त आ गया है, जब ईरान को बताया जाए कि पाकिस्तान एक एटमी ताकत है और वक्त आने पर अपने सभी कार्ड खेल सकती है। इस वक्त पाकिस्तान की अवाम और फौज के साथ सियासी पार्टियां भी एक पेज पर हैं। बहुत जल्द कुछ एक्शन पाकिस्तान की तरफ से देखने मिल सकता है।

 

ईरान की न्यूज एजेंसी तस्नीम ने पाकिस्तान पर हमले की यह खबर अपनी वेबसाइट पर दी थी। सरकारी वेबसाइट से यह खबर कुछ देर बाद हटा ली गई थी।

मीडिया कवरेज पर रोक

  • पाकिस्तान ने मंगलवार रात कहा कि ईरान की तरफ से मिसाइल और ड्रोन हमलों में दो बच्चे मारे गए और तीन लड़कियां घायल हुईं। हालांकि, उसकी फौज और सरकार दोनों ही ये बताने को तैयार नहीं हैं कि वास्तव में ईरान ने बलूचिस्तान के किस इलाके में हमला किया।
  • पाकिस्तान सरकार ने ईरान के हमले के बाद बलूचिस्तान को दो हिस्सों (पंजगुर और तुरबत) में हमले के बारे में किसी तरह की कवरेज पर रोक लगा दी है। इतना ही नहीं इन इलाकों में किसी भी जर्नलिस्ट के जाने पर भी रोक लगा दी गई है।
  • भारत ने जब बालाकोट में एयरस्ट्राइक की थी, तब भी पाकिस्तान ने करीब तीन महीने तक लोकेशन पर किसी को जाने की मंजूरी नहीं दी थी। इसके बाद कुछ जर्नलिस्ट्स को एक छोटी सी जगह पर ले जाकर बताया था कि यहां सिर्फ कुछ पेड़ टूटे हैं। इस बार भी पाकिस्तान सच बताने को तैयार नहीं है।
  • दूसरी तरफ, ‘आज टीवी’ ने कुछ लोगों से बातचीत की। ज्यादातर लोगों ने कहा- हमारे हर बॉर्डर पर तनाव और खतरा है। अफगानिस्तान दो रास्ते बंद कर चुका है। भारत के साथ संबंध बिल्कुल खत्म हो चुके हैं। अब ईरान भी पाकिस्तान पर खुलेआम हमले कर रहा है। फौज और सरकार तमाशा देख रही है।

 

ईरान और पाकिस्तान के बॉर्डर पर हालात काफी तनावपूर्ण हैं। माना जा रहा है कि पाकिस्तान भी जवाबी कार्रवाई करेगा। (फाइल)

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

  • ‘अल जजीरा’ टीवी चैनल से बातचीत में तबादलाब थिंक टैंक के रिसर्चर मुशर्रफ जैदी ने कहा- इस हमले से चंद घंटे पहले दावोस में ईरान के विदेश मंत्री और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की मुलाकात हुई थी। बहरहाल, ईरान ने ये हमला ऐसे वक्त किया है जब गाजा में इजराइल-हमास जंग की वजह से हालात पहले ही खतरनाक बन चुके हैं। ईरान को जिम्मेदारी दिखानी चाहिए थी।
  • जैदी आगे कहते हैं- पाकिस्तान को कुछ तो करना होगा। दो रास्ते हैं। या तो ईरान हमलों के लिए माफी मांगे और बयान जारी करे या फिर पाकिस्तान जवाबी कार्रवाई करे। ईरान जानबूझकर पूरे रीजन में तनाव बढ़ा रहा है।
  • वॉशिंगटन में लाइन्स इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजी एंड पॉलिसी थिंक टैंक के सीनियर फैलो कामरान बुखारी ने कहा- पाकिस्तान भी जवाबी हमला करेगा और इसकी वजह से हालात जंग तक पहुंच सकते हैं। दिक्कत ये है कि अफगानिस्तान भी अब पाकिस्तान पर भारी पड़ रहा है और ईरान ने भी नया मोर्चा खोल दिया है। भारत से रिश्ते वैसे ही तनावपूर्ण हैं। समझ नहीं आता कि पाकिस्तान आखिर चाहता क्या है।

 

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालयर की प्रवक्ता मुमताज जाहरा बलोच ने ईरान के खिलाफ पाकिस्तान के सख्त रवैये के तहत उठाए कदमों की बुधवार को जानकारी दी। (फाइल)

चीन बोला- तनाव न बढ़ाएं

  • चीन की पाकिस्तान और ईरान दोनों से दोस्ती है। चीन की फॉरेन मिनिस्ट्री की प्रवक्ता माओ निंग ने बुधवार को प्रेस ब्रीफिंग में कहा- हम दोनों देशों से अपील करते हैं कि वो इस मामले को बातचीत से हल करें। तनाव बढ़ने से हमारे दोनों दोस्त मुल्कों को नुकसान होगा। ईरान और पाकिस्तान को ऐसा कोई एक्शन नहीं लेना चाहिए जिससे अमन को खतरा पैदा हो और इस क्षेत्र में हालात काबू से बाहर हो जाएं।
  • पाकिस्तान और ईरान दोनों ही शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन यानी SCO के मेंबर हैं और चीन के करीबी ट्रेडिंग पार्टनर हैं।

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